BAGLAMUKHI SHABAR MANTRA SECRETS

baglamukhi shabar mantra Secrets

baglamukhi shabar mantra Secrets

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अमुक (अपना नाम दें) दास को तुरत उबारो, बैरी का बल छिन लो सारो, निर्दयी दुष्टों को तुम्हीं संघारो,

ॐ ह्रीं क्लीं क्लीं चमुण्डायै विच्चे। ज्वालामालिनी आद्यायै नमः॥

मंत्र प्रयोग से पूर्व कन्या पूजन करते हैं किसी भंगी की कन्या(जिसका मासिक न प्रारम्भ हुआ हो) का पूजन करते हैं, एक दिन पूर्व जाकर कन्या की माँ से उसे नहला कर लाने को कहे फिर नए वस्त्र पीले हो तो अति उत्तम, पहना कर, चुनरी ओढ़ा कर ऊँचे स्थान  पर बैठा कर, खुद उसके नीचे बैठे व हृदय में भावना करे कि मैं माँ का श्रिंगार व पूजन कर रहा हूँ, इस क्रिया में भाव ही प्रधान होता है

“अयं हरिं बगलामुखी सर्व दुष्टानं वचं मुख पदं स्तम्भया

श्री – सिंहासन – मौलि-पातित-रिपुं प्रेतासनाध्यासिनीम् ।।

स्तम्भनास्त्र-मयीं देवीं, दृढ-पीन-पयोधराम् । मदिरा-मद-संयुक्तां, वृहद्-भानु-मुखीं भजे ।।

Goddess Baglamukhi carries a cudgel in her arms to smash the problems confronted by her devotees. Here are some mantras of Baglamukhi with their meanings and the advantages of chanting them.

वैरि-जिह्वा-भेदनार्थं , छूरिकां विभ्रतीं शिवाम् । पान-पात्रं गदां पाशं, धारयन्ती भजाम्यहम् ।॥

गम्भीरां कम्बु-कण्ठीं कठिन-कुच-युगां चारु-बिम्बाधरोष्ठीं।।

यदि आपको इन मन्त्रों का प्रभाव देखना है तो निर्देशानुसार इनका साधन कर अभीष्ट की प्राप्ति करें। ये मन्त्र किस प्रमाणिक ग्रन्थ में हैं, यह कुछ स्पष्ट नहीं here है। प्रमाण केवल यही है कि ये गुरुमुख से प्राप्त हैं। शेष जब आप इनकी साधना करेंगे तो प्राप्त होने वाला परिणाम ही इनकी प्रमाणिकता का साक्षी होगा।

> इस परिशिष्ट में जिन मन्त्रों का उल्लेख किया जा रहा है, वे लोक- परम्परा से

शुद्ध-स्वर्ण-निभां रामां, पीतेन्दु-खण्ड-शेखराम् । पीत-गन्धानुलिप्ताङ्गीं, पीत-रत्न-विभूषणाम् ।।१

ॐ सौ सौ सुता समुन्दर टापू, टापू में थापा, सिंहासन पीला, सिंहासन पीले ऊपर कौन बैसे? सिंहासन पीला ऊपर बगलामुखी बैसे। बगलामुखी के कौन संगी, कौन साथी? कच्ची बच्ची काक कुतिआ स्वान चिड़िया। ॐ बगला बाला हाथ मुदगर मार, शत्रु-हृदय पर स्वार, तिसकी जिह्ना खिच्चै। बगलामुखी मरणी-करणी, उच्चाटन धरणी , अनन्त कोटि सिद्धों ने मानी। ॐ बगलामुखीरमे ब्रह्माणी भण्डे, चन्द्रसूर फिरे खण्डे-खण्डे, बाला बगलामुखी नमो नमस्कार।

ऋषि श्रीदारुण द्वारा उपासिता श्रीबगला-मुखी

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